कुछ नया करने जाओगे,
तो अड़चनों का सामना ज़रूर करोगे।
हर नई चीज़ अजीब लगती है,
हर पुरानी बात दोहराई जाती है।
नए की एहमियत तब समझ में आती है,
जब पुराने को साथ लिए,
नए को स्वीकारना पड़ता है।
भली सोच भी ज़िंदगी का एक पहलू है।
इसे इनकारा गया,
मतलब इसे धुतकारा गया।
सिलसिला है यह एक नई सोच का,
जिसे सिर्फ़ एक समझनेवाले की कमी है।
और आगे बढ़ने के खातिर,
कोशिश को भी एक मौका देना अनिवार्य है।
This comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDeleteThank you!
DeleteVery nice thoughts.. expecting more.. keep it up!!
ReplyDeleteThank you so much ^v^
DeleteThere's more coming on board. Stay tuned!
Very thoughtful keep it going!
ReplyDeleteThank you!!
Delete